"विजय पताका"
कठिनाइयों में भी जो पथ से नही डगमगाते है ,
बस वही मतवाले विजय पताका फहराते हैं   ||
    द्रढ़निश्चयता लेकर मन में ,जो नित्यता अपनाते हैं,
बस वही मतवाले विजय पताका फहराते हैं   ||
    खुद में ही है खुदा , जो इस राज़ को पहचानते हैं,
बस वही मतवाले विजय पताका फहराते हैं   ||
पुरुषार्थ के लौह को ज्यूँही कुंदन बनाते हैं ,
बस वही मतवाले विजय पताका फहराते हैं   ||
 परिश्रम की पूंजी को ,जीवन कुंजी जो बनाते हैं,
बस वही मतवाले विजय पताका फहराते हैं   ||
                                                              अंततः 
         जीवन के इस कुरुक्षेत्र में जो रणकौशल दिखलाते हैं,
बस वही मतवाले विजय पताका फहराते हैं   ||
बस वही मतवाले विजय पताका फहराते हैं   ||